संवेग का सूत्र परिभाषा और मात्रक , Samveg ka Sutra , Momentum Formula & Definition
इस लेख में हमारे द्वारा आपको संवेग के बारे में बताया जायेगा अगर आप संवेग के सूत्र, परिभाषा और मात्रक से जुडी जानकारी जानना चाहते है तो पोस्ट को आगे पढ़ें –
संवेग की परिभाषा ( Momentum Definition )
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को ही वस्तु का संवेग कहते है . इसे p से प्रदर्शित करते है .
संवेग का सूत्र ( Samveg ka Sutra )
संवेग = द्रव्यमान × वेग
p = m ×v
उदहारण : नीचे विस्तार से बताया गया है

संवेग का मात्रक ( Momentum Unit )
संवेग के मात्रक को कोई अलग नाम नहीं दिया गया है। इसकी मात्रक केवल (द्रव्यमान x वेग) के मात्रक में लिखी जाती है। इसलिए, CGS प्रणाली में संवेग की इकाई ‘ग्राम-सेमी/सेकंड’ है। इसे ‘डाइन-सेकंड’ के रूप में भी लिखा जा सकता है। एमकेएस प्रणाली में संवेग के मात्रक ‘किग्रा-मीटर/सेकंड’ है। इसे ‘न्यूटन-सेकंड’ के रूप में भी लिखा जा सकता है। संवेग एक सदिश राशि है और इसकी दिशा वेग की दिशा के समान होती है।
संवेअग का उदहारण ( Example of Momentum )
संवेग को समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं –
मान लीजिए हमारे पास कैरम बोर्ड पर दो टुकड़े हैं, एक बड़ा और एक छोटा। यदि हम दोनों को बारी-बारी से एक ही बल से उँगलियों की सहायता से मारते हैं, तो हम देखते हैं कि बड़ा टुकड़ा छोटे टुकड़े की गति के समान गति से नहीं चलता है। इसी प्रकार, यदि भिन्न-भिन्न द्रव्यमान की दो वस्तुएँ समान वेग से गति कर रही हैं, तो उन्हें रोकने के लिए कम द्रव्यमान वाली वस्तु की तुलना में अधिक द्रव्यमान वाली वस्तु पर अधिक बल लगाना होगा। इस प्रकार, प्रेरक बल या रोक बल वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
अब मान लीजिए हम समान द्रव्यमान की दो क्रिकेट गेंदें लेते हैं और एक को अधिक वेग से और दूसरे को कम वेग से फेंकते हैं। हम देखेंगे कि उच्च वेग से आने वाली गेंद को रोकने के लिए उस पर अधिक बल लगाना होगा और कम वेग से आने वाली गेंद पर कम बल लगाना होगा। अतः यह स्पष्ट है कि किसी वस्तु की विराम अवस्था या गति को बदलने के लिए आवश्यक बल वस्तु के द्रव्यमान और वेग दोनों पर निर्भर करता है।
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